वैश्विक सप्लाई में कमी आई तो कच्चे तेल की कीमतों में और बढ़ोतरी होगी- देवांग्शु दत्ता

रुपया कमजोर बना हुआ है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम एक बार फिर बढ़े हैं। चीन के साथ जारी ट्रेड वार के बीच अमेरिका ने नवंबर से ईरान के खिलाफ प्रतिबंध सख्त करने की धमकी दे रखी है। तेल की वैश्विक सप्लाई में कटौती होने पर इसकी कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद सऊदी अरब, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ा है। ईरान की भरपाई के लिए सऊदी अरब तेल उत्पादन बढ़ाने पर राजी होगा, यह जरूरी नहीं है। आईएल एंड एफएस संकट से बॉन्ड मार्केट में नकदी कम होने के डर के चलते पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली। विधानसभा चुनावों की संभावनाएं मार्केट सेंटीमेंट को प्रभावित कर सकती हैं

इन्फोसिस को रेवेन्यू 6-8% की दर से बढ़ने का अनुमान
देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस का सितंबर तिमाही में मुनाफा 10.3% बढ़ा है। कंपनी को 4,110 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। इसमें कुछ बड़े सौदों, डिजिटल रेवेन्यू बढ़ने और कमजोर रुपए का अहम योगदान है। इन्फोसिस का कहना है कि उसका डिमांड आउटलुक मजबूत है। कंपनी को इस वित्त वर्ष 2018-19 में रेवेन्यू 6-8% की दर से बढ़ने का अनुमान है। कंपनी के नतीजों पर बाजार की शुरुआती प्रतिक्रिया पॉजिटिव थी। लेकिन ऐसी रिपोर्ट्स आने के बाद कि वैश्विक आईटी खर्च बढ़ने की रफ्तार में इस साल सुस्ती दिख सकती है, बिकवाली दिखाई दी ।

एचडीएफसी बैंक को 5,000 करोड़ रुपए का मुनाफा 
एचडीएफसी बैंक ने सितंबर तिमाही में मुनाफा 20.6% बढ़ने की जानकारी दी है। बैंक को इस तिमाही में 5,005.73 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। बैंक की एसेट क्वालिटी में स्थिरता बनी रही। बैंक का ग्रॉस एनपीए 1.33% रहा। यह जून तिमाही में भी इतना ही था, पिछले साल सितंबर के मुकाबले 0.7% बढ़ा है। बैंक का नेट एनपीए 0.43% से घटकर 0.40% रह गया।

एनबीएफसी को 50,000 करोड़ और कर्ज मिल सकेगा

आईएल एंड एफएस ग्रुप का नवनियुक्त बोर्ड कंपनी की माली हालत में स्थिरता लाने के लिए एसेट्स को तेजी से बेचने की संभावनाएं तलाश रहा है। ग्रुप पर 91,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। इसके पास हाइवे, टोल ब्रिज, पावर प्रोजेक्ट्स और ट्रांसमिशन नेटवर्क के रूप में एसेट्स मौजूद हैं। रिजर्व बैंक ने एनबीएफसी कंपनियों की फाइनेंसिंग के नियम आसान किए हैं। इससे बैंकों के पास इन्हें कर्ज देने के लिए 50,000 करोड़ रुपए होने चाहिए। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि हालात सामान्य होने तक बैंकों को इन कंपनियों को कर्ज देने में सावधानी बरतनी चाहिए।

आर्सेलर मित्तल और वेदांता में एस्सार स्टील के लिए टक्कर
आर्सेलर मित्तल एस्सार स्टील के लिए सबसे मजबूत बिडर के रूप में उभरी है। आर्सेलर मित्तल और अनिल अग्रवाल की वेदांता ने 35,000 करोड़ रुपए की पेशकश की है। वेदांता ने कहा है कि वह तीन साल में बैंकों को 1,000 करोड़ रुपए और देगी। 5,000 करोड़ रुपए बतौर पूंजी लगाएगी। आर्सेलर मित्तल ने कहा है कि वह शुरुआती पेमेंट के अलावा 8,000 करोड़ निवेश करेगी। कर्ज देने वाले बैंकों की समिति (सीओसी) दोनों प्रस्तावों पर अगले हफ्ते वोट करेगी। बोली जीतने के लिए कंपनी सीओसी के 66% मत मिलने चाहिए

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